Mr And Mrs Mahi Movie Review : Rajkummar Row Janhvi Kapoor
राजकुमार राव और जानवी कपूर की फिल्म Mr And Mrs Mahi Movie देखकर आ रहा हूं और फिल्म क्रिकेट के साथ-साथ एक परिसर रिलेशन सीट जीत रहा है क्रिकेटर मगर तो नहीं बन पाए क्योंकि वह LBW का फुल फॉर्म बताते हैं लो बैटरी वार्निंग | मजाक कर रहा हूं अपनी जिंदगी से इतना हारे हुए रहते हैं कि वह हासिल करते हैं जानवी कपूर को अपने अच्छे नियत से, भैया इस सिन में मासूमियत को देखकर आपके अंदर भी प्यार करने की इच्छाजग जाएगी | इस आर्टिकल के अंत तक बन रहे मै आपको Mr And Mrs Mahi Movie Review देने वाला हूँ |
Mr And Mrs Mahi Movie Reviw first
फिर वह दोनों की शादी उसके बाद सुहागरात आता है तो मुझे ऐसा लगता है कि अब कुछ अच्छा देखने को मिलेगा लेकिन जैसे ही ऐसा लगता है गलती से जानबूझकर बोल दिया लेकिन फिर उसके अंदर उसके बाद जो ड्रामा दिखाया जाता है अगर मैं इस पूरी फिल्म को एक लाइन में रिव्यू करूं तो यह फिल्म एक पैसा वसूल करने वाली फिल्म है एक ऐसा कनेक्शन बांधे रहता है जिसको आप न चाहते हुए भी जबरदस्ती देखनी पड़ेगी |
Mr And Mrs Mahi Movie Review Second
इनफैक्ट फिल्म के अंदर बड़ी बारीकी से दिखाया गया है कि रिश्तो का नाम अपना होता है ना कि तेरा मेरा होता है किसी फिल्म के अंदर राजकुमार राव उसके साथ-साथ जानवी कपूर का काम भी अब नंबर वन का होता है वह कितना भी खूबसूरत के लिए लोगों ने काम किया है कि ऐसा लगता है कि मानो नो बॉल पर छक्का मार दिया| उसको छोड़ो राजकुमार राव को ऑलरेडी श्रीकांत होगी की संस्कृत में ही चल रही थी लेकिन साथ-साथ Mr And Mrs Mahi Movie आ जाती है फिर वही आदमी के टाइम पर भाई देखो कुछ भी करने जानवी कपूर का स्क्रिप्ट से लेकर परफॉर्मेंस से लेकर लोगों को इतना दिल जीता है ताकि कल का कोई उनको मेट्रो की स्थिति कोई ज्ञान ही ना दे |
Mr And Mrs Mahi Movie Review Third
फिल्म की कहानी की देखने के दौरान आपके दिमाग में कई सारे चीज मिलेगी कि जैसे लड़का काम नहीं कर तो बाहर वाले छोड़ो घर वाले भी इज्जत नहीं करते, लेकिन वही अगर लड़की काम करें तो लड़के की इज्जत कम हो जाए | फिल्म का मानना पड़ेगा की फिल्म शुरू से सीमेंट बिलासपुर से रिलेशनशिप को मैच्योरिटी का एक रास्ता दिखाता है क्योंकि फिल्म में लगता है कि लोग राजकुमार राव क्रिकेटर बना दिए और वह सीन इंडिया तक इस सिलेक्शन तक वह पहुंच जाती है
Mr And Mrs Mahi Movie Review Four
लेकिन वहां पहुंचने के बाद कहीं वह ऐसा ना बोले कि अब चल भाग यहां से ऊपर से हाथ कम प्राइस काम में दिया गया है और एक चीज़ इसमें अच्छा लगा की फिल्म अच्छी निकलती है जिसके लिए लिटरेरी काफी ज्यादा एंजॉय करके नजर आते हैं सोनोग्राफी अलग नहीं होता तो और भी अच्छा होता अगर वही फिल्म की क्रिकेट वाला गेम चलाते हैं वह आपको पटियाला हाउस अक्षय कुमार की मूवी याद दिला देगा दिल बोले हरता शाहिद कपूर की फिल्म याद दिला देगा
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